सत्यानाशी जड़ के फायदे शादीशुदा पुरुषों के लिए है वरदान से कम नहीं है। इसका नाम भले ही सत्यानाशी है लेकिन सत्यानाशी का पौधा पीलिया, मधुमेह, त्वचा रोग, अस्थमा, पुरुषों में नपुंसकता सहित अनेकों बीमारी में काम आता है।
यह कई असाध्य रोगों को दूर कर लोगों को सत्यानाश होने से बचाता है। इस लेख में सत्यानाशी जड़ के फायदे सहित इसके फूल और बीज और तेल से होने वाले लाभ के बारें में भी चर्चा की गई है।
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सत्यानाशी जड़ के फायदे – Satyanashi Ke Fayde in Hindi
सत्यानाशी बहुत ही सुंदर दिखने वाला हरे कलर का काँटेदार पौधा है। शुष्क क्षेत्रों में उगने वाले इस पौधे में पत्ते से अधिक कांटे देखने को मिलते हैं, जिसमें पीले रंग के फूल लगते हैं। सत्यानाशी का वैज्ञानिक नाम (वानस्पतिक नाम:Argemone mexicana) है।
अमेरिकी मूल का यह वनस्पति आपको भारत में सड़कों के किनारे अक्सर देखने को मिल जाता है। सत्यानाशी को कहीं कहीं स्वर्णक्षीरी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसे तोड़ने के बाद इससे गोल्डन कलर का रस निकलता है।
इसमें मौजूद अमृत समान औषधीय गुण पीलिया, मधुमेह, आँखों का रोग, त्वचा रोग, श्वसन संबंधी समस्या सहित शादीशुदा पुरुषों में नपुंसकता दूर भागने में रामबाण है।
सत्यानाशी के लाभ और हानि (Satyanashi Plant Benefits in Hindi)
सत्यानाशी सिर्फ सड़क किनारे उगने वाली घास नहीं है जिसका इस्तेमाल बीमारियों को ठीक करने की क्षमता के लिए सदियों से किया जाता रहा है। इसके पत्ते से लेकर बीज और जड़ सभी आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से बहुत ही उपयोगी होता है।
लेकिन सत्यानाशी जड़ के फायदे अत्यंत ही अद्भुत हैं। इसके अंदर एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीडायबिटी, एनाल्जेसिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीफंगल सहित अनेकों गुण मौजूद होते हैं।
इसके कारण से यह हर्बल औषधि पीलिया, मधुमेह, आंख के रोग, अस्थमा, कब्ज को दूर करने, लीवर को स्वस्थ रखने सहित बुखार में भी कारगर माना जाता है। आइये सत्यानाशी जड़ के फायदे और इसके लाभ और हानी के बारें में थोड़ा विस्तार से जानते हैं।
सत्यानाशी जड़ और पौधे के स्वास्थ्य लाभ और उपयोग
नपुंसकता –
सत्यानाशी जड़ के फायदे पुरुषों में मूड को बेहतर कर यौन रोग, तनाव, नपुंसकता और वीर्य संबंधी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है।
इतना ही नहीं सत्यानाशी जड़ के फायदे पुरुषों के स्पर्म काउंट को भी बढ़ाने में मददगार साबित होता है, जो उसके शादीशुदा जिंदगी को खुशहाल बनाता है।
कब्ज को करे दूर:
सत्यानाशी के जड़, पत्ते और इसके बीजों में भी औषधीय गुण मौजूद होते हैं जो हमारे आंतों के लिए फायदेमंद साबित माने जाते हैं। सत्यानाशी के स्वास्थ्य लाभों का श्रेय इसके अंदर पाये जाने वाले जीवाणुरोधी, एनाल्जेसिक गुणों को दिया जाता है।
सत्यानाशी के जड़ और बीज में रेचक गुण मौजूद होते हैं जो कब्ज को दूर कर शरीर को डिटोकस रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा पेट दर्द में भी सत्यानाशी के अद्भुत फायदे देखने को मिलते हैं।
सूजन दूर करने में सहायक:
इसमें सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं जो किसी भी कारण से सूजन से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है। इसके लिए इसके जड़ को पीसकर प्रभावित जगह पर लगाने से सारी सूजन दूर हो जाती है।
यहाँ तक की पेट शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन होने पर सत्यानाशी लाभकारी माना जाता है।
ब्लड शुगर को करें नियंत्रित:
आज के तनावपूर्ण जीवनशैली के कारण मधुमेह एक गंभीर बीमारी बनती जा रही है। इस समस्या के समाधान में सत्यानाशी के जड़ फायदेमंद हो सकते हैं।
इसके नियमित उपयोग से ब्लड शुगर को नियंत्रित रहता है जिससे डायबिटीज की समस्या दूर हो जाती है।
जलोदर में फायदेमंद:
जलोदर पेट में दूषित पानी जमा होने के कारण होता है। सत्यानाशी का पौधा पेट में पानी जमा होने की समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकता है।
क्योंकि इसके प्रयोग से पेशाब अधिक आता है जिससे पेट में जमा पानी की मात्रा धीरे-धीरे कम होने लगती है और जलोदर में लाभ मिलता है।
अस्थमा में उपयोगी:
अस्थमा और खांसी के मरीजों के लिए सत्यानाशी बहुत फायदेमंद माना जात है। अकसर जो लोग सांस की बीमारी अथवा खांसी की समस्या से पीड़ित रहते हैं। उन्हें इसके जड़ को पानी में उबालकर उसका काढ़ा पीने से काफी राहत मिल सकती है।
पेशाब में जलन से राहत:
कुछ लोगों को पेशाब में जलन की समस्या से पीड़ित होते हैं। ऐसे में उन्हें पेशाब के बाद बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के निदान में सत्यानाशी के जड़ का काढ़ा पीने से जलन में राहत मिल सकती है।
त्वचा को निखारे:
सत्यानाशी का इस्तेमाल त्वचा को स्वस्थ रखने में भी फायदेमंद है। यह त्वचा के फोड़े-फूंसी को दूर कर त्वचा को निखारने में लाभकारी है। शरीर पर के सफेद दाग व धब्बा को भी दूर करने में भी सत्यानाशी का पौधा रामबाण है।
इसके लिए सत्यानाशी फूल को पीसकर दाग, धब्बा वाली जगह पर लगाने से फायदे मिलते हैं। इसके अलावा सत्यानाशी में मौजूद एंटीफंगल गुण दाद की समस्या को भी दूर करने में लाभकारी है।
पीलिया में फायदेमंद:
पीलिया (जोन्डिस) एक बहुत ही सूक्ष्म विषाणु(वाइरस) से उत्पन्न रोग है। इस खतरनाक बीमारी से निजात पाने के लिए सत्यानाशी का पौधा लाभकारी माना जाता है। इसके लिए गिलोय के रस में सत्यानाशी के तेल मिलाकर उपयोग करना फायदेमंद है।
आँखों के रोग में उपयोगी:
सत्यानाशी का पौधा मोतियाबिंद, आंखों की लालिमा आदि को दूर रखने में मददगार माना जाता है।
सत्यानाशी की जड़ का उपयोग कैसे करें
सत्यानाशी की जड़ का उपयोग सूजन को दूर करने में किया जा सकता है। इसके लिए
F.A.Qs
सत्यानाशी का पौधा किस बीमारी में काम आता है
सत्यानाशी (Prickly Poppy) पौधे के उपयोग अनेकों रोगों को दूर करने में किया जा सकता है। यह बुखार, गर्भावस्था से संबंधित समस्याएं, गुर्दे की पथरी, सिरदर्द, नेत्र रोग, दांत दर्द, गंजापन, खांसी, अस्थमा, सूजन, सर्दी, पेट दर्द, पेशाब के दौरान जलन, दाद और पीलिया में फायदेमंद माने जाते हैं।
सत्यानाशी के फूल खाने से क्या होता है
सत्यानाशी फूल के अंदर एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीडायबिटी और एंटी-इंफ्लेमेटरी आदि गुण पाये जाते हैं। जिस कारण सत्यानाशी के फूल खाने से कई बीमारी में लाभदायक हो सकता है।
इस लेख में “सत्यानाशी जड़ के फायदे” (Satyanashi Ke Fayde in Hindi) शीर्षक से वर्णित बातें आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। आप इसे किसी भी तरह का चिकित्सा परामर्श/सलाह अथवा विकल्प नहीं समझें।
इसको किसी चिकित्सा विकल्प के रूप में अपनाने से पहले हमेशा विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक की राय लें। हमारी वेबसाईट faydeaurnuksan.in इसमें वर्णित किसी भी चीज की सत्यता की पुष्टि अथवा दावा नही करता है।