भैंस का घी खाने के फायदे और नुकसान जानकार आप चौंक जाएंगे, जाने इसके 10…

भैंस का घी खाने के फायदे और नुकसान (Benefits of buffalo ghee) सभी के लिए जानना चाहिए। संतुलित मात्रा में भैंस का घी खाने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। भैंस का घी पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत है, जिसमे कई आवश्यक फैटी एसिड, विटामिन और खनिज शामिल मौजूद होते हैं।

भैंस का घी खाने के फायदे और नुकसान (Bhains ka Ghee khane ke fayde aur Nuksan)

हम भैंस का घी खाने के फायदे और नुकसान के बारें में जानने से पहले जानते हैं की भैंस का घी क्या है। भैंस का घी भैंस के दूध से मक्खन को निकालकर तैयार किया जाता है। जब दूध से मक्खन निकालकर उसे गर्म कर पकाया जाता है तब एक शुद्ध, सुनहरा तरल द्रव प्राप्त होता है।

इसे ही घी के नाम से जाना जाता है, जो स्वस्थ वसा और पोषक तत्वों से अत्यंत भरपूर होता है। भैंस के घी में गाय के घी की तुलना में फैट की मात्रा अधिक होती है। इसका उपयोग कई पारंपरिक व्यंजनों को बनाने में किया जाता है।

कई विटामिन और मिनरल से युक्त भैंस का घी पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में बहुत मददगार होता है। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो शारीरिक रूप से कमजोर हैं तथा अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं।

इसके अलावा भैंस का घी सर्दी और खांसी के संक्रमण के इलाज में भी प्रभावी माना जाता है। भैंस के घी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे इम्यूनिटी मजबूत होने में मदद मिल सकती है।

हालाँकि भैंस के घी के सेवन को सीमित करना चाहिए, क्योंकि इसके अधिक सेवन से वजन में बढ़ोतरी व कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। आइए इस लेख में भैंस का घी खाने के फायदे और नुकसान के बारें में विस्तार से जानते हैं।

भैंस के घी के फायदे और नुकसान – Buffalo ghee benefits and side effects in Hindi

भैंस के घी के फायदे (Benefits of Buffalo Ghee in Hindi)

आयुर्वेद में भैंस के घी के कई ऐसे फायदे का वर्णन मिलता है, जो हमारे शरीर को को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। इसमें मौजूद कई विटामिन, मिनरल तथा एंटीऑक्सीडेंट गुण न केवल हमारी आंखों को स्वस्थ रखते हैं बल्कि हृदय रोग और मधुमेह जैसी बीमारियों से भी रक्षा में मदद करते हैं।

आँखों को स्वस्थ रखने में मददगार-

आंखों को स्वस्थ और उसकी रोशनी को ठीक रखने के लिए विटामिन ए का सेवन जरूरी है। शरीर में विटामिन ए की कमी से रतौंधी नामक विमारी हो जाती है जिससे शाम के समय कम दिखाई देता है।

चूंकि भैंस का दूध विटामिन ए से भरपूर होता है। इस कारण से अपने दैनिक आहार में भैंस के घी को सममिलित कर विटामिन ए की कमी को पूरा किया जा सकता है। इसके नियमित प्रयोग से आँखों की रोशनी तेज होकर आँखें स्वस्थ होती है।

लीवर को रखे स्वस्थ-

भैंस के घी में प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट टोकोफ़ेरॉल व विटामिन ई प्रचुर रूप में मौजूद होता है। शरीर के लिए विटामिन ई एक महत्वपूर्ण यौगिक है जो शरीर में तेजी से घुल जाता है।

इसकी कमी से क्रोनिक कोलेस्टेटिक नामक लिवर रोग, सिस्टिक फाइब्रोसिस तथा शॉर्ट बाउल सिंड्रोम जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में भैंस के घी का रोजाना सेवन विटामिन ई शरीर को आवश्यक पोषक तत्व पूरा करता है, जो शरीर को कई रोगों से रक्षा में मदद करता है।

क्योंकि विटामिन ई एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हुए शरीर में कोशिकाओं की जैविक गतिविधि को बनाए रखने में मददगार होता है।

हड्डियों के मजबूती में सहायक-

भैंस के घी में विटामिन K और विटामिन डी प्रचुर रूप से होता है। विटामिन के रक्तस्राव को रोकने के साथ हड्डियों के लिए भी फायदेमंद होता है।

इसके साथ ही इसमें मौजूद विटामिन डी बुढापे में भी हड्डी को मजबूत रखने तथा उसे टूटने से बचाने में मददगार होता है। साथ ही हड्डियों को कैल्शियम और फास्फोरस की आपूर्ति के लिए भी विटामिन डी आवश्यक है।

इस प्रकार भैंस के घी का नियमित उपयोग शरीर की विटामिन डी की आवश्यकता को पूरा कर सकता है। इसलिए रोजाना अपने दैनिक आहार में भैंस के घी को शामिल करना ऑस्टियोपोरोसिस से भी बचाब में महत्वपूर्ण हो सकता है।

इम्यूनिटी को करता है बूस्ट-

भैंस का घी खाने के फायदे और नुकसान इम्यूनिटी को बूस्ट करने में भी देखा जा सकता है। भैंस के घी में सीएलए या संयुग्मित लिनोलिक एसिड की उच्च सांद्रता होती है, जो एक उत्कृष्ट एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर में कई फायदे पहुचाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करते हैं।

इस प्रकार भैंस के घी के नियमित सेवन से रोग इम्यूनिटी में सुधार और शारीरिक फिटनेस में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा भैंस घी के सेवन से विटामिन और मिनरल्स शरीर में जल्दी अवशोषित हो जाते हैं जो व्यक्ति को स्वस्थ व ताकतवर बनाता है।

विटामिन और मिनरल से भरपूर:

भैंस का घी में घुलनशील विटामिन ए, डी, ई और के भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसका सेवन इम्यूनिटी मजबूती का अलावा हड्डियों को स्वास्थ् और दृष्टि को तेज रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट गुण शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने और सूजन को कम करने में भी मदद कर सकते हैं।

हृदय को स्वस्थ रखने में लाभकारी –

भैंस का घी स्वस्थ संतृप्त वसा से समृद्ध होता है। इसका सेवन मस्तिष्क कोशिकाओं के निर्माण व विकास तथा विटामिन ए, डी, ई और के जैसे आवश्यक पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करते हैं।

इसमें मौजूद वसा शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने और खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में आवश्यक भूमिका निभाता है। भैंस के दूध में विटामिन डी होता है, जिसकी कमी से हृदय रोग संबंधी समस्या हो सकती है।

ऐसे में शरीर में विटामिन और मिनरल का समुचित स्तर को बनाए रखते हुए हृदय को स्वास्थ् रखने में भैंस का घी महत्वपूर्ण हो सकता है। लेकिन इस अधिक सेवन हानिकारक होता है। इस प्रकार हृदय के लिय भैंस का घी खाने के फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं।

वजन कम करने में मददगार-

एक अध्ययन के अनुसार भैंस के घी में मौजूद कुछ यौगिक शरीर के अतिरिक्त वजन कम करने में मददगार साबित हो सकता है। हुआ है। इसके नियमित सेवन से कुछ लोगों के शरीर में वसा की मात्रा को कम करने में मदद मिल सकता है।

इसके अलावा भैंस के दूध में मौजूद पोषक तत्व रिकेट्स, कैंसर, मधुमेह से भी रक्षा में मददगार है। इस प्रकार विटामिन डी युक्त भैंस के घी का सेवन लोगों को स्वास्थ् रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

पाचन में सुधार-

पेट के लिए भैंस के घी का सेवन बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। इसके सेवन से रोग प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ती है जिससे पाचन में सुधार होता है। इसके अतिरिक्त भैंस के घी में मौजूद फैटी एसिड पाचन को तेज कर आंत को स्वास्थ् रखने में भी मदद कर सकता है।

भैंस के घी के नुकसान

भैंस के घी (Benefits of buffalo ghee) का सीमित मात्रा में सेवन करना फायदेमंद है, नहीं तो भैंस का घी खाने के नुकसान हो सकते हैं। इसके अधिक अथवा असंतुलित मात्रा में सेवन स्वास्थ को नुकसान पहुचा सकता है। आइए आगे भैंस के घी के सेवन के कुछ संभावित नुकसान के बारें में जानते हैं।

हृदय रोग का खतरा-

भैंस के घी में संतृप्त वसा की मात्रा अधिक होती है, जिसका अधिक मात्रा में सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसमें प्रचुर मात्रा में मौजूद संतृप्त वसा का अधिक सेवन हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा को बढ़ा सकता है।

उच्च कैलोरी वाला आहार-

भैंस का घी कैलोरी से भरपूर भोजन है, इसके बहुत अधिक सेवन करने से शरीर में वजन बढ़ सकता है, जो मोटापा का कारण हो सकता है। फलतः अत्यधिक कैलोरी सेवन से बचने के लिए इसे अपने आहार में सीमित मात्रा में उपयोग करना बहुत जरूरी है।

भैंस घी से एलर्जी :

हालाँकि भैंस का घी लैक्टोज मुक्त माना जाता है, लेकिन कुछ लोगों को भैंस के दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन से एलर्जी की समस्या हो सकती है। जिसके परिणामस्वरूप त्वचा पर खुजली, चकते आदि समस्या हो सकती है।

प्रेग्नेंसी व छोटे बच्चे के लिए हानिकारक-

गाय घी की तुलना में भैंस का घी पचने में भारी होता है। फलतः गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को भैंस के घी का सेवन करने से अजीर्ण की समस्या हो सकती है।

इस प्रकार भैंस के घी के सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो सकते हैं, लेकिन इसके संभावित नुकसान के बारे में भी जागरूक होना उतना ही महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष(Conclusion)-

आयुर्वेद की प्राचीन भारतीय चिकित्सा में भैंस का घी खाने के फायदे और नुकसान से जुड़ी कई जानकारी मिलती है। भैंस के घी का सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। इसका सेवन शरीर के तापमान को संतुलित करने, पाचन में सुधार करने में मदद कर सकता है।

यह स्वस्थ वसा, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है। हालाँकि इसका अत्यधिक सेवन से बचते हुए इसके संभावित नुकसान को कम किया जा सकता है।

F.A.Qs

भैंस का घी खाने से क्या होता है

भैंस का घी खाने से शरीर को कई फायदे प्राप्त हो सकते हैं। यह दुबलापन को दूर कर मोटापा बढ़ा सकता है। इसके अलावा यह कई रोगों से रक्षा में सहायक है।

भैंस के घी की तासीर कैसी होती है

भैंस के घी की तासीर गर्म होती है। फलतः सर्दियों में इसका सेवन सर्दी-जुकाम सहित कई रोगों से रक्षा में मदद करता है।

इस लेख में ‘ भैंस का घी खाने के फायदे और नुकसान (Bhains ka Ghee khane ke fayde aur Nuksan) शीर्षक से वर्णित बातें आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। आप इसे किसी भी तरह का चिकित्सा परामर्श/सलाह अथवा विकल्प नहीं समझें।

इसको किसी चिकित्सा विकल्प के रूप में अपनाने से पहले हमेशा विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक की राय लें। हमारी वेबसाईट faydeaurnuksan.in इसमें वर्णित किसी भी चीज की सत्यता की पुष्टि अथवा दावा नही करता है।

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