10+ सफेद कद्दू के फायदे और नुकसान |Ash Gourd Benefits In Hindi

सफेद लौकी एक प्रकार का सफेद सब्जी फल है जो शीतकालीन तरबूज, मोम लौकी या चीनी तरबूज के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस फल का देश-विदेशों में कई प्रकार के विभिन्न व्यंजनों में उपयोग  किया जाता है।

इससे कई स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों और मिठाइयों का निर्माण किया जा सकता है। पेठा का नाम तो आपने जरूर सुना होगा, अगर आप आगरा से गुजरे होंगे तो पेठा जरूर खाएं होंगे। पेठा इसी सफेद कद्दू से बनता है।

कुकुर्बिटेसी परिवार से आने वाला यह सब्जी फल दक्षिणी एशियाई क्षेत्र का मूल निवासी फल है। हमारे देश में इसे कुम्हड़ा, कदीमा और सफेद कद्दू कहा जाता है। वहीं, अंग्रेजी में इसे ऐश गॉर्ड, वैक्स गॉर्ड या विंटर मेलन के नाम से जाना जाता है।

पोषण से भरपूर सफेद कद्दू में आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, जिंक, मैग्नीशियम, कॉपर, मैंगनीज, नियासिन (विटामिन बी3), थियामिन, विटामिन सी, राइबोफ्लेविन और फाइबर मौजूद होता है।

सफेद कद्दू के फायदे और नुकसान (Winter melon Benefits in Hindi)

शीतकालीन तरबूज(विंटर मेलन) अर्थात सफेद लौकी के फायदे इसमें उपस्थित विशिष्ट पोषक तत्वों के कारण अधिक लोकप्रिय है।

इस सब्जी में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है। जिसमें पानी की मात्रा 95% तक होती है। यह कम कैलोरी, वसा और कार्बोहाइड्रेट वाला खाद्य है।

सफेद लौकी में विटामिन C, फ्लेवोनोइड और कैरोटीनॉयड प्रचुर मात्रा में होता है। जो शरीर को स्वस्थ रखते हुए शरीर में होने वाले सेल क्षति होने से रोकता है। इसका सेवन टाइप 2 मधुमेह रोगी के लिए भी मददगार साबित हो सकता है।

सफेद लौकी को एक पौष्टिक सब्जी के रूप में हर भारतीय घरों में होता है। इसके अलावा इसका उपयोग पेठा और कैंडी के साथ-साथ कूटू, करी, सब्जी और दाल जैसे कई पारंपरिक भारतीय व्यंजन बनाने में भी होता है।

सफेद लौकी के जूस, बीज और पत्तियों भी औषधीय और चिकित्सीय गुणों से युक्त होता है। इसका उपयोग का असर हमारे शरीर के त्वचा और बालों पर भी व्यापक रूप में इसे स्वस्थ रखने में होता है।

सफेद कद्दू के बारें में

यह दिखने में सामान्य लौकी की तरह ही होता है। लेकिन इसके ऊपर महीन बाल समान रेशे होते हैं, जो लौकी के पकने पर गायब हो जाते हैं। पकने का इसका छिलका गहरे हरे से हल्के भूरे रंग का हो जाता है।

जब लौकी पक जाती है तब इसके ऊपर चुने के पाउडर की तरह एक अनोखी कोटिंग हो जाती है। जिसके कारण यह दिखने में सफेद हो जाता है। इस लौकी का दूसरा सामान्य नाम, “ऐश लौकी” इसी धूल के समान सफेद आवरण के कारण होता है।

सफेद कद्दू के पोषण गुण (Ash Gourd Benefits In Hindi)

सफेद लौकी जिसे सर्दियों के खरबूजे भी कहा जाता है विटामिन और खनिज लवण का प्रचुर स्रोत होता है। इसके अलावा भी इसमें का सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे सोडियम और संतृप्त वसा मौजूद होती है।

अगर हम सफेद कद्दू के पोषक तत्वों की चर्चा करें तो इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन- बी 6, विटामिन ई, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन, फोलेट, नियासिन और थायमिन जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते हैं।

एक किलोग्राम सफेद लौकी में निम्नलिखित पोषक तत्व की मात्रा उपस्थित होते हैं।

  • पानी – 960.1 ग्राम
  • ऊर्जा – 130 किलो कैलोरी
  • कार्बोहाइड्रेट – 30 ग्राम
  • प्रोटीन – 0.40 ग्राम
  • फाइबर – 29.0 ग्राम
  • कैल्शियम – 190 मिलीग्राम
  • विटामिन सी – 130 मिलीग्राम
  • मैग्नीशियम – 100 मिलीग्राम
  • विटामिन बी2 – 10.3 मिलीग्राम।

आइए विन्टर मेलन के 10 से अधिक फायदे के बारें में जानते हैं।

वजन को नियंत्रित करने में सहायक

चूंकि सफेद लौकी में कैलोरी कम और पानी की मात्रा अधिक होती है। फलतः यह मोटापा से परेशान और अपने वजन घटाने की चाह रखने वाले लोगों के लिए यह बहुत अच्छा विकल्प हो सकता है।

क्योंकि यह भूख को कम करने और अधिक मात्रा में जंक फूड खाने की लत को कम करने में मददगार है। जो ओवर इटिंग जो मोटापा का कई फेक्टर में से एक है कम करता है। जिससे वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है।

इस प्रकार सफेद कद्दू खाने से कई फायदे हैं।

टाइप 2 शुगर के मरीज के लिए फायदेमंद

सफेद लौकी लो शुगर वाला सब्जी है जो मधुमेह वाले व्यक्तियों के लिए फायदेमंद माना जाता है। अपने शुगर लेवल को घटाने की चाह रखने वाले मरीज के लिए बहुत अच्छा है।

एक अध्ययन के अनुसार, इसका सेवन टाइप 2 मधुमेह वाले मरीजों में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में सहायता कर सकते हैं।

चूंकि इन सब्जियों में भरपूर फाइबर, कैरोटीन (प्रो-विटामिन ए), पोटेशियम और विटामिन सी पाया जाता है। फलतः लगातार इसका सेवन टाइप 2 मधुमेह रोगी में शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मददगार हो सकती है।

प्रतिरक्षा प्रणाली के मजबूती में सहायक

चूंकि सेफड़ लौकी अंटीऑक्सीडेंट गुणों और विटामिन सी से युक्त होता है। फलतः सफेद लौकी में इसकी उपस्थिति के कारण यह तेजी से श्वेत रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक है।

इसके आलवे इसमें एक और महत्वपूर्ण तत्व जिंक मौजूद होता है। फलतः इसके सेवन इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करता है।

ऊर्जा बढ़ाने में सहायक सफेद लौकी

इसमें विटामिन बी2 प्रचुर रूप से उपस्थित होती है। शरीर के चयापचय के लिए बी2 बहुत ही आवश्यक है। क्योंकि यह हमारे द्वारा ग्रहण किया गये आहार को ऊर्जा में परिवर्तित करना सुनिश्चित करता है।

इस प्रकार देखा जाय तो सफेद लौकी का सेवन भरपूर ऊर्जा प्रदान कर लोगों के स्वस्थ् और हार्मोन को सीधा प्रभावित कर सकती है।

हृदय के लाभकारी सफेद लौकी

लौकी में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत ही नगण्य होती है। क्योंकि सफेद कद्दू में पर्याप्त मात्रा में फाइटोस्टेरॉल नामक तत्व मौजूद होता है। जो हमारे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में लाभकारी है।

फलतः इस सब्जी को नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करना दिल के लिए फायदेमंद हो सकता है। हृदय संबंधित रोगों को कम करने और उसे स्वस्थ् रखने के लिए लौकी का सेवन महत्वपूर्ण हो सकता है।

इसके लिए उबली हुई लौकी का सेवन सबसे अच्छा तरीका हो सकता है। इसमें मौजूद कई पोशाक गुणों के कारण लौकी का सेवन शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में हार्ट अटैक, कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों का खतरा को कम करने में मदद मिल सकती है।

अल्सर में सहायक सेफद लौकी

इसका उपयोग अल्सर के रोगी के लिए फायदेमंद हो सकता है। खास कर पेप्टिक अल्सर से राहत में मददगार है जिसके कारण पेट या आंत के ऊतक में खराबी आ जाती है।

इसमें मौजूद अंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल्स से रक्षा कर पेप्टिक अल्सर को रोकने में असरदार है। इसके अलावा यह पेट की अम्लता (एसिडिटी) को कम करने में मदद करता है।

किडनी के डिटॉक्सीफाई में मददगार

चूंकि सफेद लौकी पानी से भरपूर ठंड तासीर की होती है। फलतः इसका सेवन गर्म शरीर को ठंडा रखने, लीवर और किडनी के आंतरिक अंगों को भी ठीक और संतुलित करती है। इसका नियमित सेवन कब्ज, मूत्र पथ के संक्रमण, गुर्दे की पथरी आदि समस्या को ठीक रखने में भी मदद करता है।

नेत्र रक्षा में सहायक

सफेद कद्दू एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण रेटिनल ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। एक अध्ययन के अनुसार बढ़ती उम्र के साथ आंखों के लेंस में विटामिन सी की मात्रा भी कम हो सकती है।

जिसका परिणाम आंखों की रोशनी को प्रभावित हो सकती है। फलतः ताज़ा सफेद खरबूजे का रोजाना सेवन आँखों के लेंस में विटामिन सी का स्तर बढा कर कई रोगों से रक्षा कर सकता है।

इसके अलावा सफेद लौकी में राइबोफ्लेविन नामक तत्व मौजूद होता है जो विटामिन बी2 के रूप में भी जाना जाता है। दृष्टि समस्याओं को रोकने और रतौंधी के रोकथाम के लिए विटामिन बी2  की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

दूसरी तरफ सफेद कद्दू में ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन की भी खास मात्रा होती है। आंखों को सूरज के हानिकारक किरणों से बचाने तथा मोतियाबिंद के रोकथाम में जैक्सैन्थिन की अहम रोल माना जाता है।

फलतः अपने आहार में इसका शामिल करना आंखों की बीमारियों का खतरा कम करने में लाभकारी हो सकती है।

डिप्रेशन में आने से करता है कंट्रोल

शरीर में ट्रिप्टोफैन की कमी से आदमी डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। कहते हैं की सफेद कद्दू में एल-ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो-एसिड भरपूर रूप से मौजूद होता है।

एक अध्ययन के अनुसार इस अमीनो-एसिड को शरीर खुद निर्माण नहीं कर सकता है। फलतः सफेद कद्दू खाने से शरीर में इस पोषक तत्वों की कमी नहीं होती है जो लोगों के उदास मनोदशा को कम करने और खुश रहने में मदद कर सकता है।

इसके अलावा सफेद कद्दू खाने के ये कुछ अन्य फायदे की बात करें तो यह यूरिनरी इंफेक्शन में फायदेमंद, याददाश्त सुधारने और त्वचा और बालों के लिए उपयोगी है।

सफेद कद्दू के नुकसान – Side Effects of Winter Melon in Hindi

वैसे तो हमने सफेद कद्दू सेवन से संबंधित कई फायदे के बारें में जाना लेकिन इसके सेवन से होने वाली कुछ संभबीत नुकसान से भी अवगत होना जरूरी है ताकि इसका भरपूर लाभ उठाया जा सके। तो चलिए जानते हैं सफेद कद्दू खाने के कुछ नुकसान।

एलर्जी की समस्या

इसका सेवन किसी किसी के लिए हानिकारक भी हो सकता है। जो एलर्जी के पीड़ित हैं उन्हें कई बार सफेद कद्दू का सेवन करने परेशानी का सबब बन सकता है।

क्योंकि इसके सेवन से स्किन एलर्जी के निशान चेहरे या शरीर के किसी हिस्से पर खुजली, चकते, जलन आदि हो सकती है।

प्रेगनेंसी में नुकसानदायक

सफेद कद्दू चूंकि कई पोषक तत्व से भरपूर होते हैं। लेकिन इसका सेवन कई बार गर्भवती महिलाओं और उनके पेट में पल रहे शिशु के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता हैं।

फलतः प्रेग्नेंट महिलाओं को सफेद कद्दू का सेवन अपने डॉक्टर अथवा डाइटिशियन की सलाह से करें तो बेहतर होगा।

इसे भी पढ़ेंः

पेट संबंधी समस्याएं

सफेद कद्दू फाइबर का उच्च स्रोत होता है। जो कब्ज को दूर कर पेट को स्वस्थ रखने में मददगार है। लेकीन इसका अधिक मात्रा में सेवन पाचन संबंधी समस्याएं खड़ी कर सकती हैं।

इसके अधिक मात्रा में खाने से पेट संबंधी समस्याएं जैसे उल्टी, दस्त आदि का सामना करना पड़ सकता है।

खाने का तरीका

इसे पेठे और सब्जी के रूप में अधिकतर खाया जाता है। सफेद लौकी की स्वाद की बात करें तो इसका अपना कोई स्वाद नहीं होता है। लेकिन हल्का खीरे के समान स्वाद वाला सब्जी है।

सफेद लौकी ठंड प्रकृति का फल है जिसे गर्मी के दिनों में गर्मी से राहत के लिए किया जा सकता है। गर्म दिनों में इसे सलाद, स्मूदी या जूस के साथ मिला कर सेवन किया जा सकता है। अगर आप ठंड के मौसम में इसे खाते हैं तो इसमें काली मिर्च आदि मिला सकते हैं।

निष्कर्ष (safed kaddu ke fayde aur nuksan)

सफेद कद्दू या ऐश लौकी एक प्राचीन सब्जी वाला फल है। बेल पर लगने वाला इस फल में बहुत ढेर सारा पोषण मौजूद है। इसका उपयोग आमतौर पर सब्जी और पेठा के रूप में किया जाता है।

इसे आहार में शामिल करना मधुमेह के नियंत्रण, आंख, त्वचा और हृदय के स्वास्थ्य में सुधार में मददगार हो सकता है। हालाँकि, सर्दियों में इसका अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है।

सर्दी में इसका सेवन जोड़ों में दर्द, साइनस, खांसी, जुकाम, पेट की खराबी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। फलतः सावधानी बरतना भी जरूरी है। तभी यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

सफेद कद्दू (पेठा) को विंटर मेलन क्यों कहा जाता है?

यह शीतल होती है। इसे विंटर मेलन भी कहते हैं क्योंकि यह कि शरीर को ठंडक पहुंचाने में मददगार है और इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकती है।

इस लेख में सफेद कद्दू के फायदे और नुकसान शीर्षक से वर्णित बातें केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है। आप इसे किसी भी तरह का चिकित्सा परामर्श अथवा विकल्प नहीं समझें।

इसको किसी चिकित्सा विकल्प के रूप में प्रयोग से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। हमारी वेबसाईट faydeaurnuksan.in इसमें वर्णित किसी भी चीज की ज़िममेदारी का दावा नही करता है।

इन्हें भी पढ़ें: अंकुरित चने और मूंग खाने के फायदे और नुकसान

Leave a Comment