तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने के फायदे और नुकसान आपको अचंभित कर सकता है। Tambe ke bartan me pani pine ke fayde पाचन क्रिया को तेज और इम्यूनिटी को मजबूत करने में बहुत ही लाभकारी है। आयुर्वेद के हिसाब से माना जाता है कि ये पानी पेट की तमाम समस्याओं के लिए काफी लाभकारी होता है।
यही कारण है की सदियों से भारत में तांबे के बर्तन से पानी पीने की प्रथा रही है। अपने अनेक औषधीय गुणों के कारण तांबे के बर्तन में रखा पानी किसी दवा से कम नहीं है।
एक अध्ययन के अनुसार कॉपर एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है जो पानी में मौजूद हानिकारक रोगाणुओं को नष्ट कर पानी को शुद्ध करने का का करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने के फायदे और नुकसान के बारें में विस्तार से जानेंगे।
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तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने के फायदे और नुकसान (Tambe ke bartan mein pani peene ke fayde)
आजकल अधिकांश लोग अपने पेट की समस्या से ग्रसित होते हैं। फलतः लोग अपने पेट को स्वस्थ रखने के लिए तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते हैं। खासकर सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन का पानी पीना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।
हमारे देश भारत में बहुत पहले तांबे के बर्तनों का खूब उपयोग किया जाता था। तांबे के बर्तन का पानी कई शारीरिक बीमारियों के लिए रामबाण साबित माना गया है। आयुर्वेद में तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर में वात, पित्त और कफ संतुलित रहता है।
एक शोध के अनुसार तांबे के बर्तन में रखा पानी खराब नहीं होता है तथा वह लंबे समय तक ताजा बना रहता है। तांबे के पात्र में रखा पानी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हो जाते हैं।
जो शरीर में सूजन को कम कर गठिया तथा जोड़ों के दर्द के लक्षणों को कम करने में मददगार हो सकते हैं। क्योंकि तांबे के बर्तनों में रखा पानी रासायनिक प्रतिक्रिया के फलस्वरूप जीवाणुरोधी, सूजन-रोधी और कैंसर-रोधी गुणों से युक्त हो जाते हैं।
इस कारण से तांबे के बर्तन में रखा पानी कई बीमारियों के निदान में बहुत मददगार साबित माना जाता है। अगर आप भी तांबे के बर्तन में पानी पीते हैं तो इसके फायदे और नुकसान को आपके लिए समझना जरूरी है।
क्योंकि इसे अधिक मात्रा और गलत तरीके से पीने से आपके स्वास्थ को यह फायदे के साथ नुकसान भी कर सकते है। आइए हम आपको तांबे के बर्तन से पानी पीने के फायदे और नुकसान (Tambe ke bartan me pani pine ke fayde)से अवगत कराते हैं।
तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे (Tambe ke bartan me pani pine ke fayde)
रोगाणुरोधी गुण: (copper vessel water benefits)
तांबे के बर्तन में रखा पानी का सेवन शरीर को कई आवश्यक मिनरल प्रदान करने में सक्षम है। इसका सेवन समग्र स्वास्थ्य को ठीक कर विभिन्न शारीरिक कार्यों में मदद करने में योगदान कर सकता है।
तांबे के बर्तनों अथवा तांबे के बोतलों में रखा पानी रोगाणुरोधी माने जाते हैं क्योंकि इसके पीने से शरीर में कई हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस नष्ट हो जाते हैं।
तांबे के वर्तन में रखा पानी इसमें मौजूद कुछ बैक्टीरिया को केवल 2 घंटों में नष्ट करने की शक्ति रखता है। इस कारण से इसे प्राकृतिक वाटर पयुरिफायर भी कहा जा सकता है।
पाचन में करे सुधार:
तांबे के बर्तन में 8 घंटे से अधिक समय तक रखा गया पानी पीने से पेट स्वस्थ रहता है। इसका पानी पाचन एंजाइमों को उत्तेजित कर आंत को पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ावा देने में मदद करती है।
जिसके फलस्वरूप पाचन तंत्र मौजबूत होकर पेट की समस्याओं को कम करने में फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा तांबे का पानी कब्ज को दूर कर शरीर से विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने में फायदेमंद है।
इस प्रकार तांबे के वर्तन में रखा पानी पीने से (Tambe ke bartan me pani pine ke fayde) शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद मिल सकती है।
वजन घटाने सहायक:
ऐसा कहा जाता है की तांबे के वर्तन में रखा पानी मेटाबोलीजम को उत्तेजित कर शरीर में फैट को वर्ण कर वजन घटाने में मदद कर सकता है। लेकिन इन दावों के पक्ष में कुछ और शोध तथा पुष्टि की और जरूरत है।
एंटी-एजिंग लाभ:
विशेषज्ञों के अनुसार कॉपर का पानी अपने एंटी-एजिंग गुणों के लिए भी जाना जाता है। क्योंकि यह कोलेजन उत्पादन को प्रोत्साहित कर त्वचा की लोच बनाए रखने में मदद करता है।
इस कारण से यह माना जाता है की तांबे का पानी पीने से त्वचा के रंगत में सुधार तथा उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। इसके अलावा तांबे का पानी मेलेनिन का उत्पादन करने में सक्षम है जो त्वचा को हानिकारक यूवी किरणों से रक्षा में मदद कर सकता है।
कैंसर से सुरक्षा:
कहते हैं की तांबे के वर्तन में रखा पानी में एंटीऑक्सीडेंट गुण भरपूर रूप से मौजूद होते हैं। फलतः यह पानी शरीर को मुक्त कणों से लड़ने तथा कैंसर के खतरे को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
दिल को स्वस्थ रखने में फायदेमंद:
दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए कॉपर बहुत ही आवश्यक मिनरल माना जाता है। क्योंकि इसमें मौजूद गुण ऊर्जा उत्पादन तथा हृदय ऊतक के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करने में सहायक होता है, जिसका सीधा असर हृदय स्वास्थ पर पड़ता है।
इम्यूनिटी मजबूती में सहायक:
तांबे का पानी पीने से प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने और संक्रमण से बचाने में मदद मिल सकती है। क्योंकि कॉपर शरीर में सफेद रक्त सेल के उत्पादन बढ़ाकर इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
रक्तचाप के नियंत्रण में सहायक:
तांबे का पानी हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि यह नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को उत्तेजित कर रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
गठिया और जोड़ों के दर्द:
अगर आप गठिया की समस्या से परेशान हैं तो आपके लिए तांबे पात्र में रखे जल का सेवन जरूर करना चाहिए। क्योंकि तांबे के बर्तन में रखे हुए पानी में पर्याप्त मात्रा में तांबे के गुण आ जाते हैं जिससे वह ऐंटि-इंफ्लामेट्री गुणों से युक्त हो जाता है।
फलतः इसके सेवन से शरीर व जोड़ों में दर्द व सूजन की समस्या से रक्षा में मदद करता है। कॉपर जल का सेवन शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को कंट्रोल करने में भी मदद करता है जो गठिया से बचाव में सहायक है।
आयुर्वेद में भी जोड़ों के दर्द को शांत करने के लिए तांबे के बर्तन में डाले गए पानी का नियमित सेवन की सिफारिश की जाती है। कुछ दिनों तक नित्य इसका पानी पीने से जोड़ों के दर्द को शांत करने और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है।
हड्डियों की मजबूती में सहायक:
तांबे के वर्तन में रखा जल पीने के फायदे आर्थराइटिस के दर्द को दूर करने में कारगर हो सकता है। इसके अलावा तांबे के पानी में मौजूद गुण हड्डियों को मजबूत रखने स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
क्योंकि तांबे के पानी का सेवन शरीर में कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देकर हड्डियों के घनत्व को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फलतः तांबे का पानी पीने से (Tambe ke bartan me pani pine ke fayde) हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार होने तथा ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।
मस्तिष्क की कार्य क्षमता में सुधार:
कॉपर न्यूरोट्रांसमीटर को बढ़ावा देने में सहायक माना जाता है जो मस्तिष्क को अधिक क्रियाशील रखने में जरूरी है। तांबे का पानी का नियमित पीने से मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार होकर यादस्त शक्ति को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
डायरिया, पेचिश और पीलिया से सुरक्षा:
जैसा की हम जानते हैं की तांबे में ओलिगो डायनैमिक गुण मौजूद होते हैं, जिसके कारण यह पानी में मौजूद ई-कोलाई बैक्टीरिया को नष्ट करता है।
ये दोनों जीवाणु डायरिया, पेचिश और पीलिया जैसी हानिकारक बीमारियों से रक्षा करता है। यह सभी बीमारी पानी से होने वाली बीमारी में से एक है। तांबे के बर्तन का पानी पीने से इनसे निजात मिल सकती है।
तेजी से घाव भरने में मददगार:
तांबे जल में जीवाणुरोधी और सूजन-रोधी गुण मौजूद होते हैं जो शरीर के आंतरिक और बाहरी घावों को तेजी से ठीक करने में मददगार हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त यह थायरॉयड ग्रंथि को ठीक करने तथा एनीमिया से भी रक्षा में मदद कर सकता है।
तांबे के बर्तन में पानी पीने के नुकसान :
इसका पानी पीने से जितना अधिक फायदे हैं। वहीं इसका गलत तरीके और अधिक पीने से कभी-कभी नुकसान भी हो सकते है। इस कारण से तांबे के बर्तन का पानी सेवन करते समय बरती जाने वाली कुछ सावधानियों के बारें में जानना जरूरी है।
तांबे के बर्तन में पानी पीना फायदेमंद होता है, लेकिन अगर आप इसके फायदे उठाने के चक्कर में हर चीज इसमें मिलाकर पीते हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है।
इसके पानी से शरीर में वात, पित्त और कफ का संतुलन बना रहता है और शरीर हाइड्रेट रहता है। लेकिन तांबे के पानी पीने की अधिकता आपके लिए समस्या भी खड़ी कर सकती है।
इसका पानी अधिक पीना उन लोगों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। जो पहले से एसिडिटी, अल्सर आदि समस्याओं से परेशान है।
कहते हैं की तांबे के बर्तनों को ठीक से साफ नहीं करने पर उसके ऊपर कॉपर ऑक्साइड की परत जमा हो जाती है। ऐसे में इस वर्तन में रखे पानी को बार-बार पीने से नुकसान हो सकता है।
तांबे के बर्तन में नींबू डाल कर पानी कभी नहीं पीना चाहिए। क्योंकि तांबे के बर्तन में नींबू पानी पीने के फायदे नहीं बल्कि नुकसान बहुत ज्यादा हैं। नींबू में मौजूद एसिड तांबे के साथ प्रतिक्रिया कर पानी को विषाक्तता कर देती है।
फलतः तांबे के बर्तन में नींबू पानी पीने के नुकसान के कारण पेट की समस्या, उल्टी, गैस और पेट में दर्द जैसी समस्या हो सकती हैं। इसके अलावा दही, छाछ, आचार को भी तांबे के वर्तन में रखकर सेवन करना हानिकारक हो सकता है।
तांबे के बर्तन में पानी पीने के नियम
फलतः तांबे के का अपने दैनिक आहार में शामिल करने से शरीर पर सकारात्मक लाभ देखे जा सकते हैं। इसके लिए इसे पीने से पहले तांबे के कटोरे में पानी को कम से कम 8 घंटे तक रखना जरूरी है।
F.A.Qs
सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन का पानी पीने से क्या होता है?
तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने के फायदे पाचन को बेहतर बनाने से लेकर हड्डियों को मज़बूती देने, थाइरॉइड ग्लैंड के बेहतर फंक्शन और स्किन को तरो-ताजा रखने में मददगार है। इसके पानी का सेवन जहाँ वज़न को कम कर सकता है वहीं दिल को स्वस्थ रखने में भी फायदेमंद है।
तांबे के बर्तन का पानी कब नहीं पीना चाहिए?
तांबे के बर्तन में अगर नींबू पानी रखी हो तो उसे नहीं पीना चाहिए। नहीं तो नुकसान हो सकता है।
पीतल एवं तांबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखना चाहिए।
पीतल एवं तांबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ रखने से यह तांबे के साथ प्रतिक्रिया कर विषाक्त कर सकता है।
इस लेख में तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने के फायदे और नुकसान (Tambe ke bartan me pani pine ke fayde) शीर्षक से वर्णित बातें आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। आप इसे किसी भी तरह का चिकित्सा परामर्श/सलाह अथवा विकल्प नहीं समझें।
इसको किसी चिकित्सा विकल्प के रूप में अपनाने से पहले हमेशा विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक की राय लें। हमारी वेबसाईट faydeaurnuksan.in इसमें वर्णित किसी भी चीज की सत्यता की पुष्टि अथवा दावा नही करता है।