सहजन के पत्ते के फायदे और नुकसान सभी को जानना चाहिए। क्योंकि इसमें कुछ ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते है जिसके गुण आपको अचंभित कर सकते हैं।
इसी कारण से सहजन की पत्तियों (Moringa leaves) हमारे हेल्थ के लिए बहुत ही गुणकारी माना जाता है। इस लेख में हम सहजन के पत्ते के फायदे और नुकसान को विस्तार से जान सकेंगे।
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सहजन की पत्तियों के बारें में
सहजन का पेड़ भारतीय मूल का औषधि गुणों से सम्पन्न मध्यम आकार का पेड़ है। इसके फली और पत्ते का उपयोग सब्जी और कई व्यंजन के रूप में किया जाता है। सहजन के फली, पत्ते, फूल और छाल सभी उपयोगी होते हैं।
यह भारत सहित अफ्रीका में अधिक मात्रा में पाया जाता है। सहजन की फली ड्रम स्टिक की तरह दिखने के कारण इसे अंग्रेजी में ड्रमस्टिक (Drumstick) कहा जाता है।
लेकिन विज्ञान की भाषा में सहजन को मोरिंगा ओलिफेरा (Moringa Oleifera) के नाम से जाना जाता है। इसके सिर्फ पत्ते ही नहीं बल्कि हरेक भाग स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
जानिए सहजन के पत्ते के फायदे और नुकसान (Sahjan Ke Patte Khane Ke Fayde)
औषधीय गुणों से समृद्ध सहजन की पत्तियां के सेवन स्वास्थ के लिए अत्यंत ही फायदेमंद होते हैं।
क्योंकि सहजन की पत्तियों के अंदर विटामिन ए, विटामिन बी6, विटामिन सी, विटामिन ई, पोटैशियम, जिंक,आयरन, मैग्नीशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं।
सदियों से सहजन की पत्तियों का उपयोग स्वास्थ की रक्षा के लिए घरेलू उपचार के तौर पर होता आया है। इसके सेवन करने से शरीर की अनेकों बीमारियां को दूर करने में मदद मिल सकती है।
यह हमारे पेट, हृदय और है ब्लड प्रेशर के लिए उपयोगी है। यह हमारे इम्यूनिटी को बढ़ाकर त्वचा और केन्सर जैसी रोगों से भी रक्षा में मदद कर कर है।
इस प्रकार देखा जाय तो हमारे स्वास्थ्य के लिए सहजन के पत्ते अत्यंत ही लाभदायक साबित होते हैं। लेकिन इसके फायदे के साथ-साथ सहजन की पत्तियों के कुछ संभावित नुकसान भी हैं।
आइए इस लेख के माध्यम से सहजन की पत्तियों के क्या-क्या फायदे और नुकसान होते हैं, उसे विस्तार से समझते हैं।
कैंसर में सहजन के पत्ते के फायदे
एक अध्ययन के अनुसार सहजन के पत्ते के फायदे कैंसर जैसी घातक बीमारियों की जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।
क्योंकि सहजन के पत्ते सहजन की पत्तियां में Polyphenols तथा Polyflavonoids नामक तत्व पाये जाते हैं जो एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होती है। जिसके कारण सहजन की पत्ते एंटी-कैंसर और एंटी-ट्यूमर गुणों से भरपूर होते हैं।
फलस्वरूप इसके सेवन से शरीर को फ्री रेडिकल्स के नुकसान से रक्षा होती है। जो सेल के अंकण्ट्रोल ग्रोथ को रोकने में मदद कर कैंसर जैसी घातक बीमारी के संभावित जोखिम को कम करने में लाभकारी साबित हो सकते हैं
मधुमेह के लिए सहजन के लाभ
सहजन के पत्ते के सेवन का लाभ मधुमेह के रोगियों को भी मिलते हैं। सहजन की पत्तियों में समृद्ध रूप से एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं। यह रक्त में ग्लूकोच के स्तर को नियंत्रित करने में गुणकारी साबित हो सकते हैं।
हड्डियों के लिए सहजन के फायदे
जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारी हड्डियों की डेंसीटी कम होने लगती है। इस कारण से बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों की देखभाल की अधिक जरूरत होती है।
हड्डियों की डेन्सिटी बढ़ाने और उसे स्वस्थ रखने में सहजन की पत्ते का रस फायदेमंद हो सकते हैं। क्योंकि सहजन में कैल्शियम, मैग्नीशियम तथा फास्फोरस बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है।
यह हमारे हड्डियों को आवश्यक पोषकतत्व प्रदान कर उसे स्वस्थ रखने में मददगार हो सकता है। इसके अलावा सहजन की पत्तियां में उम्र बढ़ने के साथ होने वाली ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी से बचाता है।
सहजन की पत्ती में हृदय को स्वस्थ रखने का गुण
हमारे हृदय को स्वस्थ रखने में सहजन की पत्ते का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। हृदय हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। इसका अनवरत चलना जरूरी है।
हृदय गति का बंद होना मतलब मौत। सहजन के पत्ते में मौजूद गुण हृदय रोगों के संभावित जोखिम से रक्षा करने में मददगार है।
सहजन की पत्तियों में पाये जाने वाला बीटा कैरोटीन शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करते हुए हृदय को स्वस्थ रखता है। फलतः सहजन की पत्तियों को अपने आहार में शामिल करना दिल को स्वस्थ रखने का अच्छा तरीका हो सकता है।
9. इम्युनिटी बढ़ाने में सहजन के पत्ते का उपयोग
कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग अक्सर बीमार रहते हैं। वह अन्य लोगों को तुलना में किसी संक्रमण का जल्दी शिकार हो जाते हैं।
ऐसे व्यक्ति को अपने रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए सहजन के पत्ते का उपयोग गुणकारी हो सकता है। क्योंकि सहजन की फली अथवा इसकी पत्तियों में इम्यूनिटी बूस्टर का गुण होता है।
फलतः इसके सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होकर शरीर में रोग से लड़ने की शकित आती है।
सहजन के पत्ते पेट के लिए गुणकारी
सहजन की पत्तियों का किसी भी रूप में खाने से पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद साबित हो सकती है। इसमें प्रचुर रूप से उपस्थित फाइबर पाचन शक्ति को मजबूत कर पेट को स्वस्थ रखने में मददगार है।
एक अध्ययन के अनुसार सहजन की पत्तियों एंटी-अल्सर गुणों से युक्त होते हैं। यह पेट के अल्सर की संभावित जोखिम को करने में सहायक है।
इसके अतिरिक्त सहजन के पत्ते में लिबर को भी मजबूत करने का गुण होता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थ को निकालकर लीवर के कार्य प्रणाली में सुधार करता है।
आयरन की कमी को दूर करता है सहजन के पत्ते
सहजन के पत्ते में मौजूद गुण रक्त में रेड ब्लड सेल(RBC) की संख्या को बढ़ता है। जिससे शरीर में आयरन की कमी पूरी होकर हीमोग्लोबिन का लेवल बढ़ता है। इस प्रकार सहजन की पत्तियां एनीमिया को दूर करने में मदद करता है।
अगर आप आयरन की कमी से पीड़ित हैं तो सहजन के पत्ते का कुछ दिनों तक सेवन हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार लाने में मदद कर सकता है। जिससे रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि में मदद मिलती है।
सहजन के पत्ते मस्तिष्क के लिए
सहजन के पत्ते हमारे मस्तिष्क की क्रिया प्रणाली का स्वस्थ संचालन में मदद कर सकता है।
यह हमारे तंत्रिका तंत्र को मजबूत कर मानसिक कमजोरी को दूर करता है। यह उम्र के साथ होने वाली भूलने की समस्या(शॉर्ट टाइम मेमोरी लॉस) से भी राहत देने में सहायता करती है।
यह याददाश्त शक्ति को बढ़ाकर अल्जाइमर, पार्किंसंस आदि जैसे रोगों से रक्षा में मददगार साबित हो सकती है।
त्वचा के लिए फायदेमंद सहजन के पत्ते
सहजन के पत्ते में त्वचा को स्वस्थ रखने का भी गुण मौजूद होता है। यह उम्र बढ़ने के साथ स्किन पर पड़ने वाली झुरीयों और महीन रेखाओं को भी कम करने में मददगार साबित हो सकता है।
क्योंकि सहजन में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण त्वचा को संक्रमण से बचाता है। सहजन की पत्ते में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हों जो त्वचा के सेल को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है।
लिवर के लिए सहजन के पत्ते
सहजन की पत्ती का सेवन लीवर के लिए गुणकारी माना जाता है। सहजन में मौजूद कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थ को दूर करने में लाभकारी है। जिसका सीधा प्रभाव लीवर के कार्य प्रणाली पर पड़ता है।
इसके लिए सहजन के पत्तियों, इसके फली और छाल को भी प्रयोग में लाया जा सकता है।
उच्च रक्तचाप के नियंत्रण में सहायक
सहजन की पत्ती का सेवन हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए अत्यंत ही फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योंकि सहजन में मौजूद गुण उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर शरीर को कई समस्याओं से रक्षा में मदद कर सकता है।
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सहजन खाने के नुकसान- Side Effects of Drumstick in Hindi
जैसा की हमने जाना की सहजन के पत्तियों में विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम आदि प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। इसका सही तरीके और समुचित मात्रा में इस्तेमाल सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं।
लेकिन इसका गलत तरीके से अधिक मात्रा में सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। आइए सहजन खाने के कुछ नुकसान के बारें में जानते हैं।
सहजन के पत्ते हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। फलतः लो ब्लड प्रेशर वाले मरीजों के लिए यह नुकसानदायक हो सकता है। इससे लोग लो ब्लड प्रेशर बालों की परेशानी बढ़ सकती है।
सहजन के पत्ते का अधिक सेवन से प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भपात का खतरा बढ़ा सकता है। सहजन गर्म तासीर के होने के कारण गर्भास्य के संकुचन को बढ़ाता है।
फलतः प्रेग्नेंसी में सहजन के पत्ते का उपयोग चिकित्सक के सलाह पर ही करना बेहतर है। सहजन की अधिक सेवन से शरीर में पित्त दोष बढ़ सकता है।
इससे पेट संबंधी कई समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसके पत्ते का ज्यादा मात्रा में सेवन अपच, गैस और उलटी का कारण हो सकता है।
सहजन के पत्तियों का अधिक मात्रा सेवन आपके मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है। फलतः इसके कारण आपको तनाव तथा अवसात जैसी परेशानी हो सकती है।
सहजन के पत्ते का उपयोग कैसे करें
इसके पत्ते को कई तरह से उपयोग कर स्वास्थ लाभ लिया जा सकता है।
- सहजन की पत्तियों को अन्य साग की तरह तैयार कर इस्तेमाल किया जा सकता है।
- ताजी सहजन की पत्तियों का रस निकाल कर भी उसे पिया जा सकता है।
- आप सहजन की पत्तियों की चटनी बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
- सहजन की पत्तियों को उबाल कर ठंढ होने के बाद उसे पीना लाभदायक हो सकता है।
- सहजन की पत्तियों का सूप बनाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सहजन की ताजी पत्तियों को धोकर सीधे चबाकर भी खाया जा सकता है।
- इसके अलावा सहजन की पत्ती का पाउडर बनाकर इसे प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए पत्तियों को छाया में सुखाकर चूर्ण बनाया जा सकता है।
सहजन के पत्ते का काढ़ा कैसे बनाएं
सहजन के पते का काढ़ा बनाने के लिए इसके करीब 100 ग्राम ताजी पत्ती को लेकर अच्छी तरह धो लें। इसके बाद इसे करीब 250 ग्राम पानी में धीमी आंच पर उवालें।
जब पानी आधा रह जाय तब उसे छानकर ग्लास में रख लें। बस यह पीने के लिए तैयार है।
सहजन के पत्ते का जूस कैसे बनाएं
सहजन के पते का जूस बनाने के लिए सहजन के करीब 250 ग्राम ताजी पत्ती को लेकर अच्छी तरह साफ कर लिया जाता है। उसके बाद इसे मिक्सी अथवा सिलवट पर पीस कर पेस्ट बना लिया जाता है।
इसमें थोड़ा से पानी मिलाकर इस घोल को कपड़े से छान लिया जाता है। इस प्रकार सहजन के पत्ते का रस तैयार हो जाता है।
F.A.Q
सहजन के पत्ते का जूस पीने से क्या फायदा मिलता है।
सहजन के पत्ते मधुमेह, लीवर के साथ-साथ इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए बहुत फायदेमंद है।
इस लेख में ‘ सहजन के पत्ते के फायदे और नुकसान, सहजन के पत्ते का उपयोग कैसे करें शीर्षक से वर्णित बातें केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है। आप इसे किसी भी तरह का चिकित्सा परामर्श अथवा विकल्प नहीं समझें।
इसको किसी चिकित्सा विकल्प के रूप में प्रयोग से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। हमारी वेबसाईट faydeaurnuksan.in इसमें वर्णित किसी भी चीज की ज़िममेदारी का दावा नही करता है।