सीताफल के फायदे और नुकसान जानें इसके 10 चमत्कारी गुण

सीताफल के फायदे और नुकसान चकित करने वाली है। इस फल के बारें में रामायण में भी वर्णन मिलता है। कहा जाता है की वनवास के क्रम में माता सीता ने इस मधुर फल को भगवान श्री राम को उपहार स्वरूप भेंट किया था।

तभी से इस फल को सीताफल के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार सीताफल औषधीय गुणों से युक्त ठंड तासीर वाला शीतलता प्रदान करने वाला एक फल है। इसका उपयोग पित्त शमन, कफ नाशक, उल्टी रोकने में कारगर होता है।

सीताफल मांस व वीर्यवर्धक, रक्त वर्धक, बलवर्धक, वात शामक और हृदय के लिए बहुत लाभदायी माना जाता है। इस फल की जितनी भी तारीफ की जाय कम है।

इसमें मौजूद कैल्शियम और फाइबर जैसे पोषक तत्व गठिया, जोड़ों का दर्द आदि समस्याओं से बचाने में मदद करते हैं। सीताफल के साथ-साथ इसके छाल और पत्ते भी गुणकारी होते हैं। इसके पेड़ की छाल में टैनिन नामक पदार्थ पाया जाता है।

सीताफल के फायदे और नुकसान
सीताफल के फायदे और नुकसान

जिसका उपयोग दवाओं के निर्माण में किया जाता है। इसके पेड़ के पत्तों में कैंसर और ट्यूमर रोधी गुण होते हैं जो इस घातक बीमारियों से रक्षा में मदद करता है।

इसके अलावा सीताफल की छाल मसूड़ों और दांतों के दर्द को भी दूर करने में उपयोगी साबित होती है।

एक किलो ग्राम (1000 ग्राम) सीताफल में मौजूद न्यूट्रिएंट्स :

  • विटामिन C : 360.32 मिग्रा
  • फाइबर : 44 ग्राम
  • पोटैशियम : 2470.00 मिग्रा
  • मैग्नीशियम : 206.00 मिग्रा
  • कॉपर : 0.1060 मिग्रा

सीताफल के फायदे और नुकसान

1. स्किन के लिए फायदेमंद सीताफल-

सीताफल का सेवन त्वचा के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए कुछ खास विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट की जरूरत पड़ती है। सीताफल में ये सभी पोषकतत्व पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं।

फलतः सीताफल का सेवन त्वचा को ग्लो करने, झुर्रियों को कम करने और त्वचा संबंधित अन्य बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।

सीताफल में मौजूद विटामिन ए, विटामिन C, विटामिन B6,  व अन्य पोषक तत्व त्वचा को मुलायम, चमकदार तथा सुंदर बनाने में मदद करता है।

2. एनीमिया से बचाता है सीताफल

एनीमिया एक तरह की बीमारी है जो शरीर में आयरन की कमी से हो सकता है। एनेमिया में शरीर में RBC लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी आ जाती है।

एनेमिया के फलस्वरूप शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति में बाधा पहुचती है। सीताफल का सेवन एनीमिया से राहत में मदद कर सकती है।

क्योंकि सीताफल में आयरन की मात्रा बहुत अधिक होती है जो एनीमिया से बचाव में मददगार हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार सीताफल में विटामिन सी पर्याप्त रूप में मौजूद होता है।

यह आयरन युक्त खाद्य पदार्थों से आयरन को अवशोषित करने में मदद कर सकता है। फलतः एनीमिया से बचने के लिए सीताफल का सेवन करना एक अच्छा फैसला हो सकता है।

3. अस्थमा रोगी के लिए सीताफल के फायदे

आधुनिक जीवन शैली, बढ़ते प्रदूषण के कारण फेफड़े की बीमारी बढ़ती जा रही है। अस्थमा भी एक फेफड़े से ही संबंधित बीमारी है।

यह श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है और अगर सही समय से इलाज नहीं किया जाय तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। इसमें सीताफल का उपयोग कुछ हद तक फायदा पहुचा सकता है।

क्योंकि सीताफल में उत्कृष्ट एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। फलतः एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों के कारण सीताफल अस्थमा के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

4. हृदय रोग के जोखिम से रक्षा

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए अपने आहार में पोटैशियम, विटामिन सी, फाइबर आदि शामिल होना जरूरी है। सीताफल में में ये सभी पोषक बहुत अधिक मात्रा में होती है।

इसके अतिरिक्त सीताफल में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी प्रचुर रूप से पाये जाते हैं। फलतः सीताफल का नियमित सेवन रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। जो हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को कम करने में मददगार साबित हो  सकता है।

इसके अलावा सीताफल का सेवन घबराहट दूर कर हार्टबीट को नियंत्रित रखता है। इस परकर कमजोर हृदय और उच्च रक्तचाप वाले रोगियों के लिए सीताफल बहुत ही फायदेमंद है।

5. पाचन तंत्र के लिए सीताफल के फायदे

सीताफल में मौजूद कुछ इंजाइम और फाइबर की उच्च मात्रा पाचन तंत्र के लिए बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। रोजाना सीताफल के सेवन से आंतों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।

इसके परिणामस्वरूप पाचन क्रिया तेज होती है। इसके अलावा सीताफल कब्ज को दूर कर शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है।

6. मधुमेह के नियंत्रण में सहायक

सीताफल शुगर के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। आजकल डायबिटीज हर घर में दस्तक देते जा रहा है। इसके उपचार में सीताफल बहुत फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि सीताफल में एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं।

यह हमारे ब्लड से शुगर के लेवल को नियंत्रित कर डायबिटीज के लिए जिम्मेदार जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। फलतः चिकित्सक के सलाह पर सीमित मात्रा में शुगर में सीताफल खा सकते हैं      ।          

7. रक्तचाप को ठीक रखने में मददगार

ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में सीताफल का सेवन मददगार हो सकता है। सीताफल में मौजूद मैग्नीशियम और कैल्शियम की आवश्यक मात्रा हाई ब्लड प्रेशर को कुछ हद तक नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।

इसके अतिरिक्त सीताफल में कुछ ऐसे यौगिक पाये जाते हैं जो खराब कोलेस्ट्रोल को शरीर से कम कर अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है।

फलतः सीताफल का नियमित सेवन हृदय रोग तथा स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

8. वजन कम करने में सहायक सीताफल

मोटापा दूर करने और वजन को नियंत्रित करने में सीताफल काफी मददगार साबित हो सकता है। क्योंकि सीताफल कम कैलोरी वाला फल माना जाता है। इसे खाने के बाद भूख को तुरंत लगने से रोकने में मदद करता है।

सीताफल में मौजूद उच्च फाइबर की मात्रा भी पाचन तंत्र को ठीक रखकर वजन कम करने में सहायक साबित होता है। इसके अलावा सीताफल दुर्वल व्यक्ति को दुर्वलता दूर करने और स्वस्थ वजन पाने में मदद कर सकता है।

9. बालों को स्वस्थ रखने के लिए

काले घने बाल हर आयु वर्ग के लोगों की पसंद होती है। लेकिन आजकल की भागम-भाग भरी जिंदगी, तनाव और प्रदूषण का असर हमारे बालों में पर भी पड़ा है।

फलतः असमय बाल झड़ने, पकने, और टूटने की समस्‍या आम हो गई है। लोग समय से पहले गंजापन का शिकार हो रहे हैं। इसके लिए सीताफल का सेवन काफी लाभदायक साबित हो सकता है।

सीताफल के नुकसान 

सीताफल की तासीर ठंड होने के वजह से जाड़े के मौसम में इसका अधिक सेवन नुकसानदेह हो सकता है।

F.A.Q

सीताफल ठंडा होता है या गरम ?

सीताफल की तासीर ठंडी होती है। गर्मी के दिनों में यह बहुलता से पाया जाता है। गरम दिनों में इसके सेवन हमें ठंडा रखता है। 

इस लेख में सीताफल के फायदे और नुकसान शीर्षक से वर्णित बातें केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है। आप इसे किसी भी तरह का चिकित्सा परामर्श अथवा विकल्प नहीं समझें।

इसको किसी चिकित्सा विकल्प के रूप में प्रयोग से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। हमारी वेबसाईट faydeaurnuksan.in इसमें वर्णित किसी भी चीज की ज़िममेदारी का दावा नही करता है।

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