प्रेगनेंसी में केला खाने के फायदे और नुकसान

प्रेगनेंसी में केला खाने के फायदे और नुकसान हैरान करने वाली है। प्रेगनेंसी काल हर औरत के लिए एक महत्वपूर्ण समय होता है। क्योंकि माँ बनना हर लड़की के जीवन का एक सुनहरा पल होता है।

इस दौरान महिलाएं को अपनी खान-पान और सेहत का अधिक ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। क्योंकि इस समय उनके खान-पान का सीधा असर पेट में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। इस दौरान फल खाने में भी विशेष सावधानी बरती जाती है।

इसे लेख में  प्रेगनेंसी में केला खाने के फायदे और नुकसान के बारें में विस्तृत चर्चा करेंगे। केला में कई तरह के खनिज और विटामिन पाये जाते हैं। जो स्वास्थ्य के लिए बडा ही फायदेमंद होता है।

गर्भावस्था के दिनों में महिलाओं को रोजाना अपने आहार में केले को शामिल करना चाहिए। इससे उल्टी की समस्या से निजात मिलता है। प्रेगनेंसी काल के दौरान केला खाने के और भी कई फायदे हैं। केले के अंदर प्रचुर मात्रा में फोलिक एसिड उपस्थित रहता है।

फोलिक एसिड पेट में पल रहे बच्चे के ग्रोथ में लाभदायक साबित होता है। इसके साथ ही केले में उपस्थित विटामिन बी 6 प्रेगनेंसीकाल मे मतली और उल्टी को कम करने में लाभकारी हो सकता है। केले के सेवन से जहां पाचन क्रिया सबल होता है।

वहीं केला शारीरिक कमजोरी को दूर कर शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। आइये प्रेगनेंसी में केला खाने के फायदे और नुकसान के बारें में विस्तृत रूप से चर्चा करते हैं।

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प्रेगनेंसी में केला खाने के फायदे और नुकसान –

प्रेगनेंसी में पौष्टिक और स्वास्थप्रद फल और सब्जी लेने की सलाह दी जाती है। क्योंकि इस दौरान गर्भवती महिलायों फलों के चुनाव में भी विशेष सावधानी बरतती है।

गर्भावस्था में अनार खाना अथवा गर्भावस्था में सेब खाने के फायदे कई सुने जाते हैं। आइये प्रेगनेंसी में केला खाने के फायदे के बारें विस्तारपूर्वक जानते हैं।

उलटी और मितली में लाभदायक

गर्भावस्था के दौरण उलटी और मितली एक आम बात हो जाती है। अक्सर गर्भवती महिलायों को इस कठिनाई का सामना करना पड़ता है। केला में मौजूद कुछ तत्व उलटी और मितली को कम करने में कारगर साबित हो सकता है।

बच्चे के ग्रोथ में सहायक

केला में फॉलिक एसिड नामक एक महत्वपूर्ण तत्व पाई जाती है। गर्भावस्था में डॉक्टर के द्वारा फॉलिक एसिड लेने की सलाह दी जाती है। क्योंकि यह पेट में पल रहे बच्चे के ग्रोथ के लिए बहुत ही आवश्यक है।

शरीर में फॉलिक एसिड की कमी को केले के सेवन से दूर किया जा सकता है। फलतः गर्भावस्था के दौरण अपने डाइट में केले को जरूर शामिल किया जा सकता है।

कब्ज से राहत

केले के अंदर फाइबर की उच्च मात्रा पायी जाती है। फाइबर पेट की कब्ज की समस्या को आराम से दूर करने में सहायक है। यह मल त्याग को आसान बनाने में लाभकारी हो सकता है।

कब्ज दूर होने से मन प्रसन्न रहता है। जिसका सीधा प्रभाव होने वाले शिशु से जुड़ा होता है। फलतः गर्भवती महिलाएं अपने रोजाना के आहार में केले का सेवन कर सकती हैं।

पाचन क्रिया को मजबूती

प्रेग्रेंसी के दौरान महिलाओं में अक्सर पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। जिससे उन्हें कई अन्य समस्या का सामना करना पड़ता हा। केले पचने में बड़ा आसान होता है। इसमें मौजूद तत्व पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।

यह पेट की समस्या को दूर कर पाचन तंत्र को मजबूत रखता है। जिससे खाया-पाया देह में लगता है। फलतः पाचन संबंधी समस्या से राहत पाने के लिए केले का सेवन किया जा सकता है।

शारीरिक कमजोरी को दूर रखता है केला

केले का सेवन शारीरिक कमजोरी में अत्यंत ही फायदेमंद होता है। प्रेग्रेंसी के दौरान कमजोरी का अनुभव आम बात होती है। केले में मौजूद कई आवश्यक विटामिन और मिनरल शरीर में ताकत देता है।

इस दौरान केले का सेवन कमजोरी को दूर रखने में लाभदायक साबित हो सकता है। अतः प्रेग्रेंसी में नियमित रूप से रोजाना 2 केले खाने से कमजोरी को दूर करने में लाभकारी हो सकती है

मूड स्विंग की समस्या से राहत

प्रेग्रेंसी के दौरान अधिकांश महिलाओं में मूड स्विंग की समस्या देखने को मिलती है। अक्सर इस दौरान महिलाओं में नाराज़गी, गुस्सा और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। 

इसे ही मूड स्विंग के नाम से जाना जाता है। मूड स्विंग की समस्या से बचने के लिए केले का सेवन मदद कर सकते हैं। फलतः इस समस्या से बचने के लिए महिलाएं केले का सेवन से लाभ उठा सकती हैं।

मस्तिष्क के लिए आवश्यक

केला का सेवन पेट में पल रहे बच्चे के दिमाग के स्वस्थ विकास में भी सहायक माना जाता है। केले में मौजूद विटामिन बी6, फोलिक एसिड और आयरन बच्चे के मस्तिष्क के विकास में लाभकारी माना जाता है।

इस कारण से गर्भवती महिलायों अपनी डाइट में केला शामिल कर सकती हैं।

इम्यून सिस्टम को मजबूती

गर्भावस्था के दौरान  रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना माँ और बच्चे के लिए दोने के लिए जरूरी है। इस दौरान केला का सेवन गर्भवती महिलाओं के बेहद लाभकारी हो सकता है।

प्रेगनेंसी काल के दौरान महिलाओं का इम्यून सिस्टम अच्छा होने से पल रहे बच्चे के स्वास्थ बेहतर रहता है। केला विटामिन सी का उच्च स्रोत है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है। फलतः इस दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता की मजबूती के लिए केले का सेवन किया जा सकता है।

खून की कमी से राहत

गर्भावस्था के दौरान महिलयों में अक्सर खून की कमी अर्थात एनीमिया की समस्या का खतरा रहता है। इस दौरान  एनीमिया से ग्रसित होना मां और बच्चे दोनों की स्वास्थ के लिए नुकसानदेह हो सकती है।

इस कमी को आयरन के सेवन से पूरा किया जा सकता है। केले में भरपूर मात्रा में प्राकृतिक आयरन मौजूत रहता है। फलतः गर्भावस्था के दौरान  केले का सेवन शरीर में खून की कमी को पूरा कर एनीमिया से रक्षा कर सकता है।

ऊर्जा का उच्च स्रोत है केला

केले ऊर्जा से भरपूर आसानी से पचने वाला फल है। केला जहां पचने में आसान होता है। वहीं के अंदर उपस्थित कई सारे विटामिंस और खनिज लवण जैसे आयरन, कैल्शियम आदि तुरंत एनर्जी देने में सहायक है।

ब्लड प्रेशर का नियंत्रण

केला का सेवन रक्तचाप के नियंत्रण में सहायक माना जाता है। गर्भावस्था के दौरान शरीर का और भी केयर करने के जरूरत होती है। केला खाने से ब्लड प्रेशर ठीक रहता है जिसका सीधा असर पल रहे शिशु पर पड़ता है।

एक शोध के अनुसार केले में मौजूद डाइटरी फाइबर, पोटैशियम और मैग्नीशियम रक्तचाप को नियंत्रित कर कई रोगों से बचाता है।

हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

केला का सेवन हृदय के लिए गुणकारी होता है, क्योंकि केले के अंदर विध्यमान पोटैशियम जहां ब्लड प्रेसर को ठीक रखता है वहीं इसमें मौजूद विटामिन-बी6 हृदय को स्वास्थ् रखने में मदद करता है।

अस्वस्थ हृदय का सीधा प्रभाव पल रहे बच्चे के स्वास्थ पर ही भी हो सकता है। इसीलिए केले का सेवन इस दौरण किया जाना फायदेमंद हो सकता है।

हड्डी के लिए लाभदायक

केले में मौजूद कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हड्डी के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। एक अध्ययन के अनुसए विशेषज्ञ का मानना है की केला के अंदर बोन मिनरल डेंसिटी अर्थात हड्डी की मजबूती में मददगार होता है।

केले में पाए जाने वाले विटामिन और पोटैशियम इस कमी को दूर करने में सहायक हो सकता है। इस कारण से गर्भावस्था के दौरण केला खाना लाभकारी हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान केले खाने का सही समय

ऊपर लेख पढ़ने से गर्भावस्था के दौरान केला खाने के फायदे से अवगत हो चुके हैं। अव हम जानेंगे की केला को खाने का सही तरीका क्या है।

  • केले को नाश्ते के रूप में भी सुबह लिया जा सकता है।
  • केले को सलाद के रूप में अन्य फलों के साथ मिलाकरसेवन किया जा सकता है।
  • केले का सेवन दूध के साथ बनाना शेक के रूप में कर सकते हैं।
  • प्रेगनेंसी में केला का उपयोग स्मूदी के रूप में भी किया जा सकता है।

प्रेगनेंसी में केला खाने के नुकसान- Side Effects of Banana in Pregnancy In Hindi

हमने जाना की गर्भवती के लिए केले का सेवन कई फायदे पहुचा सकते हैं। लेकिन कुछ परिस्थिति में केले खाने से हानि हो सकता है। आइये जाने प्रेगनेंसी में केला खाने के नुकसान क्या हो सकते हैं।

केले के प्रति कुछ लोग अत्यंत ही संवेदनशील होते हैं। इसके अत्यधिक सेवन से एलर्जी हो सकती है। इसके अलावा केले का अत्यधिक सेवन पेट में गैस बना सकता है।

आयुर्वेद के अनुसार केला कफकारक होता है। फलतः सर्दी जुकाम अथवा अस्थमा से पीड़ित गर्भवती महिला को केला के सेवन से बचना चाहिये।

क्या केला गर्भवती के लिए खराब है?

नहीं, इसे अपने आहार का हिस्सा बनाया जा सकता है। क्योंकि केला कई नूट्रीएन्ट का भंडार है।

प्रेगनेंसी में केला कब खाना चाहिए?

दिन में 1 से 2 केला रोजाना खाया जा सकता है। लेकिन इसे नाश्ते में भी लिया जा सकता है। 

केला कब नहीं खाना चाहिए?

अगर केला खाने से किसी प्रकार की एलर्जी की समस्या हो अथवा कफ की शियकत हो तो केला नहीं खाना चाहिये। नहीं तो केले खाने से हानि हो सकती है।

प्रेगनेंसी के लिए केला अच्छा है या बुरा?

हां, प्रेगनेंसी के दौरान केला का सेवन किया जा सकता है। इसके सेवन से गर्भवती महिला को कई हेल्थ वेनीफिट मिल सकते हैं।

प्रेगनेंसी में केला खा सकते हैं

प्रेगनेंसी के दौरान केला कव खाया जाय इसे खाली पेट खाना चाहिये या नहीं इसके के बेहतर होगा की एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

क्या गर्भावस्था में रोज केला खा सकते हैं।

हां, गर्भावस्था में रोज केला खाया जा सकता है। क्योंकि इसमें कई हेल्ड बेनेफिट हैं।

प्रेगनेंसी में बनाना शेक पीना चाहिए या नहीं

केला पोषक तत्व का भंडार है और  गर्भावस्था में बनाना शेक पिया जा सकता। लेकिन प्रेगनेंसी में बनाना शेक पीना चाहिए या नहीं इसके लिए चिकित्सक से भी सलाह लिया जा सकता है।

अस्वीकरण(Disclaimer)

इस लेख में  प्रेगनेंसी में केला खाने के फायदे और नुकसान शीर्षक से वर्णित बातें केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है। आप इसे किसी भी तरह का चिकित्सा परामर्श अथवा विकल्प नहीं समझें।

इसको किसी चिकित्सा विकल्प के रूप में प्रयोग से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। हमारी वेबसाईट faydeaurnuksan.in इसमें वर्णित किसी जी जानकारी का दावा नहीं करता है।

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