Arjun Chhal ke fayde in Hindi: अर्जुन की छाल के फायदे हार्ट ब्लॉकेज से लेकर 5 अन्य गंभीर रोगों से देता है निजात

Arjun Chhal ke fayde: अर्जुन का काढ़ा दुनिया में सबसे अधिक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधीय पौधों में से एक है। इसमें विभिन्न प्रकार के औषधीय गुण होते हैं, जिनका उपयोग विभिन्न रोगों के निदान में किया जाता है।

अर्जुन के छाल, फल, पत्तियां और जड़ों का उपयोग कई बीमारियों के इलाज के काम आता है। इसके काढ़े में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं, जो आपकी सेहत को ठीक रखने मे फायदेमंद हैं।

इसका उपयोग मधुमेह, संक्रमण, गले में खराश, सर्दी और खांसी जैसी समस्यों के निदान में भी किया जा सकता है।

अर्जुन की छाल के फायदे – Arjun Chhal ke fayde in Hindi

हृदय के लिए फायदेमंद अर्जुन छाल

अर्जुन की छाल में ट्राइटरपेनॉयड नामक रसायन होता है जो हृदय रोग के खतरे को कम कर सकता है। एक अध्ययन के अनुसार अर्जुन की छाल एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं, जो हमारे हृदय को स्वस्थ रखने में फायदेमंद माना जाता है।

इसके लिए अर्जुन छाल का काढ़ा अथवा चाय का सेवन कर सकते हैं। अगर आप की दिल की धड़कन तेज है तो 1 चम्‍मच अर्जुन के छाल के पावडर को 1 गिलास टमाटर के जूस में डालकार पी लें। इससे आपके दिल की धड़कने नॉर्मल हो जाएंगी।

कैंसर रोधी गुण

अर्जुन की छाल में कैंसर रोधी गुण होते हैं जो कैंसर के खतरे को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं। नियमित रूप से अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से आपको कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।

हड्डियों के मजबूती में सहायक

अर्जुन फल में हड्डियों को मजबूत करने वाले तत्व बहुतायत में पाए जाते हैं। इसके सेवन से हड्डियों के दर्द और कमजोरी से भी राहत मिलती है। यही कारण है कि अर्जुन की छाल को एक चमत्कारी औषधि माना जाता है।

आयुर्वेद में इसका उपयोग टूटी हुई हड्डियों में शामिल होने के लिए किया जाता है। कहा जाता है कि इसके छाल पाउडर और दूध का सेवन करने से टूटी हड्डियों को ठीक करने में मदद मिलती है।

इसके नियमित सेवन से यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और हड्डियां जल्द ही एकजुट हो जाती हैं। इसके लिए 1 कप दूध में 1 चम्मच अर्जुन छाल पाउडर मिलाकर दिन में तीन बार पिएं।

आप चाहें तो छाल के पाउडर को घी के साथ मिलाकर टूटी हुई हड्डी पर लगा सकते हैं और एक पट्टी बांध सकते हैं।

मधुमेह के नियंत्रण में सहायक

अर्जुन छाल के काढ़े का प्रयोग मधुमेह के रोगियों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। इसका काढ़ा आपको बढ़े हुए रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में भी मददगार साबित हो सकता है।

इसके सेवन शरीर में इंसुलिन को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में सहायक है। अर्जुन छाल के काढ़े पर की गई एक शोध में पाया गया है कि इसमें एल्डोलेज़, फॉस्फोग्लुकोइसोमेरेज़ और ग्लूकोनोजेनिक जैसे अनेक एंजाइम मौजूद होते हैं।

इसके कारण यह एंटीडायबिटिक गुण से समृद्ध होते हैं। अर्जुन छाल का यह गुण किडनी और लिवर की कार्यक्षमता को अधिक क्रियाशील कर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में लाभदायक है। मधुमेह से पीड़ित के मरीज को एक बार अर्जुन छाल का यह काढ़ा जरूर पीना चाहिए।

ब्लड प्रेशर नियंत्रण में सहायक

अर्जुन की छाल ब्लड प्रेशर नियंत्रण में सहायक में उपयोगी है। अर्जुन की छाल में ट्राइटरपेनोइड नामक एक विशेष रसायन मौजूद होता है जो हृदय को स्वस्थ रखने में बहुत ही उपयोगी है। लेकिन इसमें एक एंटीहाइपरटेन्सिव गुण भी पाए जाते हैं जो बीपी को नियंत्रित करने में मददगार साबित होते हैं।

अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रत रखने में मदद करता है। यह शरीर में बढ़े हुए खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम कर अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाता है। इस प्रकार अर्जुन छाल के फायदे बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए भी काफी मददगार मानी जाती है।

वजन को नियंत्रित रखने में सहायक

अर्जुन की छाल शरीर के वजन को नियंत्रित रखने में मदद करती है। अगर आप अपने मोटापा को घटाना और वजन कम करना चाहते हैं तो इसका नियमत प्रयोग फायदेमंद हो सकता है।

अर्जुन के काढ़ा में मौजूद गुण दुनिया के सबसे प्रभावी एंटी-ऑक्सीडेंट में से एक माना जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित कर फेट को जलाने में मदद करता है।

फलतः बढ़ते वजन को रोकने के लिए भी अर्जुन की छाल को उपयोग में लाया जा सकता है। आजकल बाजार में अर्जुन छाल से निर्मित कैप्सूल भी उपलबद्ध है। जिसके प्रयोग से फैट को कम करने में मदद लिया जा सकता है।

सर्दी खांसी में असरदार

अगर आप सर्दी-खांसी से पीड़ित हैं तो अर्जुन की छाल सबसे अच्छे उपचारों में से एक है। आपको बता दें कि अर्जुन की छाल का काढ़ा फेफड़ों को स्वस्थ रखने में सहायक है।

इसके अलावा इसका काढ़ा श्वसन तंत्र संबंधी बीमारियों की रोकथाम के लिए भी काफी उपयोगी माना जाता है। यदि आप गले में खराश से पीड़ित हैं, तो अर्जुन की छाल का सेवन करें। इसका सेवन गले में जमा कफ और छाती में जमा बलगम को निकालने में मददगार साबित हो सकता है।

मुँह और त्वचा रोगों में फायदेमंद

अर्जुन के पेड़ की छाल के चूर्ण को तिल के तेल में मिलाकर रोजाना कुल्ला करने से मुंह के फोड़े और छाले ठीक हो जाते हैं। अर्जुन पेड़ की छाल का पाउडर कैविटी, मसूड़ों की समस्या, संक्रमण, रक्तस्राव, दांत दर्द और सांसों की दुर्गंध को ठीक करता है।

सुबह अर्जुन के पेड़ की छाल का काढ़ा पीने से रक्तपित्त से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। इसके अलावा अर्जुन छाल चेहरे की झुर्रियों से छुटकारा दिलाने में भी सहायक है। अर्जुन की छाल के पाउडर में थोड़ा सा शहद मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा साफ दिखेगी।

पाचन क्रिया के मजबूती में सहायक

पेट से जुड़ी कई ऐसी समस्याएं हैं जिन्हें अर्जुन की छाल के इस्तेमाल से आसानी से दूर किया जा सकता है। अर्जुन की छाल के काढ़े का सेवन आपके पाचन तंत्र पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव डालता है।

यह पाचन शक्ति को बेहतर बनाने के साथ पेट के अल्सर और गैस्ट्रिक के लक्षणों को दूर करने में मदद देता है। इसके अलावा इसका सेवन कब्ज से राहत और रुके हुए पैसाव को खोलने में मदद करता है।

अर्जुन की छाल साइड इफेक्ट्स

इसके सेवन से किसी किसी को उलटी व मितली की समस्या हो सकती है।

अर्जुन की छाल कितने दिन पीना चाहिए

अर्जुन की छाल के काढ़े का सेवन एक-दो दिन में ही असर दिखाने लगता है। लेकिन इसके पूरी तरह फायदे के लिए कम से कम 60 से 90 दिनों तक सेवन जरूरी है।

इस लेख में अर्जुन की छाल के फायदे (Arjun Chhal ke fayde in Hindi) शीर्षक से वर्णित बातें केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है। आप इसे किसी भी तरह का चिकित्सा परामर्श अथवा विकल्प नहीं समझें।

इसको किसी चिकित्सा विकल्प के रूप में प्रयोग से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। हमारी वेबसाईट faydeaurnuksan.in इसमें वर्णित किसी भी चीज की ज़िममेदारी का दावा नही करता है।

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