अश्वगंधा के फायदे और नुकसान चकित करने वाली है। अश्वगंधा के फायदे सर्वविदित हैं। सदियों से इसका उपयोग यौन रोगों सहित शरीर की आने विमारियों को दूर करने में किया जाता है।
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अश्वगंधा के फायदे और नुकसान – Ashwagandha ke fayde in Hindi
यह एक झाड़ीनुमा पौधा है। जिसके जड़ अत्यंत ही गुणकारी होते हैं। इसमें विटामिन, खनिज सहित कई अन्य गुणकारी पोषकतत्व पाये जाते हैं। अश्वगंधा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर शरीर को कई संक्रमण से संबंधित रोगों से रक्षा करता है।
इसमें मौजूद इम्यूनिटी बूस्टर का गुण सर्दी, खांसी, अल्सर, दुर्बलता, मधुमेह, मिर्गी, थकान, डिप्रेशन, कब्ज और मांसपेशियों में ऐंठन, अनिद्रा, नपुंसकता आदि जैसे रोगों से रक्षा में मददगार साबित होता है।
अश्वगंधा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ़्री रेडीकल से होने वाले नुकसान से शरीर को बचाता है। इसके अतिरिक्त यह थायरॉइड ग्लैंड, दिल, त्वचा से संबंधित रोगों को दूर कर शरीर को स्वस्थ रखता है।
1. मेन्टल हेल्थ में फायदेमंद –
अश्वगंधा का सेवन मानसिक स्वास्थ के लिए अत्यंत ही फायदेमंद साबित होता है। यह मस्तिष्क से संबंधित कई परेशानियों को दूर करने में सक्षम हैं। क्योंकि अश्वगंधा से शरीर में कोर्टिसोल के स्तर कम होता है।
कोर्टिसोल एक प्रकार का हार्मोन है, जो स्ट्रेस को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है। शरीर में कोर्टिसोल कम होने से मस्तिष्क तक ऑक्सीजन की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में होती है। जिससे तनाव और चिंता दूर होता है।
इस कारण से अश्वगंधा को स्ट्रेस रिलीवर के नाम से भी जाना जाता है। एक अध्ययन के अनुसार अश्वगंधा के सेवन से मेंटल हेल्थ पर कई सकारात्मक प्रभाव पाया गया है।
क्योंकि इसके मौजूद न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण मस्तिष्क की कई समस्या को दूर करने में मददगार है। इसके अतिरिक्त यह एकाग्रता, स्मरण शक्ति में वृद्धि, चिंता और मानसिक अवसाद को दूर करने में भी फायदेमंद साबित होता है।
2. ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल:
अश्वगंधा का सेवन शरीर में शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। क्योंकि इसके सेवन से पैन्क्रियाज अधिक सक्रिय होता है, जो शरीर में इंसुलिन के उत्पादन के लिए जिम्मेदार है।
इंसुलिन का काम खून से ग्लूकोच की अतिरिक्त मात्रा को सोखना और उसे नियंत्रित करना है। फलतः शरीर में प्रयाप्त मात्रा में इंसुलिन बनने से शुगर कंट्रोल रहता है।
इसी वजह से अश्वगंधा को टाइप-2 डायबिटिज के रोगी के लिए भी शुगर कंट्रोल में मददगार माना जाता है।
3. मेल और फीमेल फर्टिलिटी में सुधार:
अश्वगंधा के सेवन से पुरुष और महिलाओं की कई यौन समस्या दूर करने में मदद मिलती है। यह जहाँ पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन ग्रन्थि को सक्रिय कर स्पर्म की क्वालिटी और क्वांटिटी को बढ़ाता है।
वहीं महिलाओं में यह फर्टिलिटी की समस्या को दूर करते हुए तनाव, हार्मोन का असंतुलन और शरीर में न्यूट्रिएंट्स की कमी को दूर करने में लाभकारी माना जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार, यह टेस्टोस्टेरोन को बूस्ट कर प्राकृतिक रूप से टेस्टोस्टेरोन के अधिक उत्पादन में मदद करता है।
4. हार्मोन के संतुलन में मददगार
महिलाओं में हार्मोन असंतुलन से कई तरह की बीमारी का जन्म होता है। महिलाओं में बांझपन की समस्या में एक कारण हार्मोन का असंतुलन भी माना जाता है।
एक अध्ययन के अनुसार अश्वगंधा का सेवन थायरॉयड ग्रंथि की सक्रियता को बढ़ाने में मददगार है। जिससे रिप्रोडक्टिव हार्मोन संतुलित रहता है। इस प्रकार अश्वगंधा शरीर में तनाव कम कर हार्मोन के संतुलन में मदद करता है।
5. मांसपेशियां की मजबूती में सहायक
अश्वगंधा का सेवन मांसपेशियां को बढ़ाने और उसकी मजबूती में सहायक माना जाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व के कारण अशगंधा का नियमित सेवन मसल्स बढ़ाते हैं और मांसपेशियां को मजबूत प्रदान करता है।
6. अश्वगंधा में कैन्सररोधी गुण
अश्वगंधा को एंटी-टयूमर गुण से युक्त माना जाता है। यह कैंसर के टयूमर को नियंत्रित करने में मददगार होता है। क्योंकि यह एंटिएक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से रक्षा में मदद करता है।
इस प्रकार अश्वगंधा में मौजूद कैन्सर-रोधी गुण कैंसर जैसी घातक बीमारी से रक्षा में फायदेमंद हो सकता है। इसके अतिरिक्त अश्वगंधा में मौजूद एंटी-माइक्रोबीयल गुण खतरनाक बैक्टीरिया से रक्षा करने में मदद करता है।
7. हृदय को स्वस्थ्य रखने में मददगार
आजकल हार्ट की प्रॉबलम आम बात होती जा रही है। हार्ट के रोगी को अश्वगंधा का सेवन फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि अश्वगंधा का सेवन जहां कार्डियोवेसकुलर मांसपेशियों को ताकत प्रदान करता है।
वहीं यह ब्लड से कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराईड के स्तर को भी कम करने में मददगार है। जिससे हृदय स्वस्थ रहते हुए अपना कार्य सुचारु रूप से करता है। इस प्रकार अश्वगंधा का सेवन हार्ट अटैक की संभावना को कम करता है।
8. एकाग्रता व याददाश्त बढ़ाने में सहायक
अशगंधा के अंदर मस्तिष्क की कोसिकाओं को सक्रिय करने का गुण होता है। जिसे दिमाग को ऑक्सीजन अधिक प्राप्त होता है। फलतः एकाग्रता और स्मरण शक्ति में बढ़ोतरी होती है।
बढ़ती उम्र के साथ कुछ लोगों में लेट रिएक्ट करने की समस्या होती है। इस समस्या में भी अश्वगंधा राहत प्रदान करता है।
9. मोटापा दूर कर वजन कंट्रोल में सहायक
वैसे तो मोटापा होने के कई कारण हो सकते हैं जिसमें थायरोइड, डायबिटिज या हार्मोनल असंतुलन आदि प्रमुख हैं। लेकिन इसके अतिरिक्त फास्ट फुट, भागम भाग भरी जिंदगी, तनाव भी मोटापा का कारण माना जाता है।
अब मोटापा एक अच्छी स्वास्थ की निशानी नहीं बल्कि एक बीमारी है, जिसे डॉक्टर भी सिद्ध कर चुके हैं। लंबे समय तक तनाव के कारण शरीर मेंकोर्टिसोल का स्तर बढ़ने से चर्बी जमा होने लगता है।
जो धीरे-धीरे मोटापे का कारण बन जाता है। इस समस्या के समाधान में अश्वगंधा का सेवन अत्यंत ही लाभकारी साबित हो सकता है। क्योंकि अश्वगंधा में पाए जाने वाले गुण फैट को बर्न करने में मदद करता है।
जिससे इस विमारी के रोकथाम में मदद मिलती है। इसके लिए रोजाना कड़ी मेहनत और गुनगुने दूध के साथ अश्वगंधा का सेवन वजन कम कर मोटापा दूर भगाने में मदद कर सकता है।
10. मेनोपौजल लक्षण से आराम
हरेक महिला में एक उम्र के बाद मासिक धर्म आना बंद हो जाता है। इसे ही रजोनिवृत्ति के नाम से जाना जाता है और इस स्थिति को ही मेनोपौजल कहते हैं।
जब महिला की जिंदगी में मेनोपौजल की अवस्था आती है तब उनमें कई तरह की समस्या जैसे मूड स्विंग्स, तनाव, अवसाद आदि साइड इफेक्ट देखने को मिलते है। अश्वगंधा में मौजूद पोषकतत्व इन स्थिति से उबरने और उसे राहत दिलाने मे मदद कर करता है।
11. बालों और त्वचा के लिए वरदान –
आपने बालों को स्वस्थ रखने के लिए अश्वगंधा का तेल के बारें में जरूर सुना होगा। अश्वगंधा का सेवन अथवा इसके तेल बालों पर लगाने से बाल मुलायम और रेशम जैसे सुंदर लगते हैं।
इसमें पाए जाना वाला पोषक तत्व समय बालों को झड़ने, बालों का रूखापन को दूर कर असमय सफेद होने से भी बचाता है।
12. झुर्रियों से रक्षा तथा त्वचा के गलो में मददगार
अश्वगंधा खाने से सिर्फ बाल ही नहीं बल्कि त्वचा में भी निखार आता है। अश्वगंधा में मौजूद एंटी-एजिंग और एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को फ़्री रेडीकल से बचाता है।
जिससे बढ़ती उम्र के साथ त्वचा पर उभरने वाली झुर्रियों और महीन रेखाओं से बचाता है। अश्वगंधा के सेवन से त्वचा तेलीय, मुलायम और नमीयुक्त रहने में मदद मिलता है।
13. रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक
शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और खनिज लवण आवश्यक है। अश्वगंधा में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं जो हमारे इम्यूनिटी को तेजी से बढ़ाने में मदद करता है।
इसका इस्तेमाल बारें पैमाने पर इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में किया जा सकता है। एक अध्ययन के अनुसार इसके सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता को तेजी से बढ़ाने में मदद मिलती है।
जिससे शरीर फ्लू, सर्दी, जुकाम व अन्य कई तरह के संक्रमण से लड़ने में सक्षम होता है। इसके अलावा यह सूजन को भी कम करने में मददगार है।
14. शारीरिक शक्ति और क्षमता बढ़ाने में कारगर
अश्वगंधा का सेवन अधिक शारीरिक परिश्रम करने वाले, एथलेटिक और जिम जाने वालों के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके खाने से थकान में कमी और शारीरिक क्षमता में बढ़ोतरी देखी जाती है।
आयुर्वेद में अश्वगंधा को यौवन और दीर्घायु प्रदान करने वाला रसायन माना जाता है। इसके अलावा अश्वगंधा में एडाप्टोजेन गुण होने के कारण तनाव को दूर करने, आंखो की रौशनी और टी.बी जैसी घातक बिमारी में भी फायदेमंद है।
अश्वगंधा के फायदे महिलाओं के लिए
महिलाओं के लिए अश्वगंधा के फायदे अनेक हैं। अश्वगंधा का सेवन थायरॉइड ग्रन्थि के संतुलित करने में मदद करता है। यह थायरॉयड ग्लैंड के क्रिया में सुधार कर T3 और T4 हार्मोन के स्राव को बढ़ाता है।
अंटीऑक्सीडेंट गुणों से युक्त होने के कारण अश्वगंधा फ़्री रेडीकल का सफाया करता है। जो थायरॉइड ग्रन्थि, हृदय, त्वचा तथा शरीर के अन्य कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मददगार साबित होता है।
इसके अलावा यह थकान, कमजोरी, अवसाद, कब्ज आदि को भी दूर करने में मदद करता है। विशेष जानने के लिए,
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अश्वगंधा के नुकसान
हमने अशगंधा सेवन के ढेर सारे फायदे का बारें में जाना, लेकिन अश्वगंधा के साइड इफेक्ट के बारें में भी जानना जरूरी है। आइए जानते हैं की अशगंधा कब नहीं लेना चाहिए, अश्वगंधा सेवन के क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।
अगर आपको को अश्वगंधा खाने से किसी प्रकार की एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो तुरंत इसे खाना बंद कर देना चाहिए और चिकित्सक के पास जाना चाहिए।
- कुछ लोग को किसी खास चीज खाने से एलर्जी होती है। कुछ लोगों को अश्वगंधा के सेवन से पेट की खराबी, उलटी, मतली आदि समस्या हो सकता है।
- अश्वगंधा का समुचित मात्रा में सेवन ही लाभकारी है। इसके अधिक मात्रा में सेवन से कब्जियत, दस्त अथवा डायरिया जैसी समस्या भी हो सकती है।
- कुछ विशेषज्ञ के अनुसार थॉयरायड के प्रॉबलम से ग्रसित रोगी को अश्वगंधा का सेवन डाक्टर के परामर्श के बाद ही करें।
- प्रेग्नेंट महिला भी अश्वगंधा का सेवन डॉक्टर के परामर्श के बाद ही करें तो अच्छा है नहीं तो मिसकैरेज का रिस्क रहेगा।
इस लेख में अश्वगंधा के फायदे और नुकसान ( Ashwagandha ke fayde in Hindi) के संबंध में वर्णित बातें केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है। आप इसे किसी भी तरह का चिकित्सा परामर्श अथवा विकल्प नहीं समझें।
इसको किसी चिकित्सा विकल्प के रूप में प्रयोग से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। हमारी वेबसाईट faydeaurnuksan.in इसमें वर्णित किसी भी चीज की ज़िममेदारी का दावा नही करता है।
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